🔹 भूमिका: पहचान सत्यापन क्यों ज़रूरी है?
आज के डिजिटल युग में, चाहे बैंक में खाता खोलना हो, ऑनलाइन निवेश करना हो या लोन के लिए अप्लाई करना हो – हर जगह एक शब्द ज़रूर सामने आता है – KYC (Know Your Customer)।
KYC का मतलब होता है – ग्राहक को पहचानना। इसका उद्देश्य है कि फाइनेंशियल संस्थाएं जान सकें कि वो
किसके साथ डील कर रही हैं। इससे धोखाधड़ी से
बचाव, मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक और ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित
की जाती है।
अब सवाल उठता है – KYC कितने प्रकार के होते हैं?
तो आइए अब विस्तार से समझते हैं KYC के सभी
प्रकारों को – इंसानी भाषा में, बिल्कुल आसान तरीके से।
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🔸 1. Paper-Based KYC (पेपर-बेस्ड केवाईसी)
यह क्या होता है?
यह KYC का सबसे पुराना और पारंपरिक तरीका है, जिसमें ग्राहक को अपने दस्तावेज़ों की फिजिकल कॉपी जमा करनी होती है।
कैसे किया जाता है?
- ग्राहक बैंक या फाइनेंशियल संस्था में जाता है
- वहां एक KYC फॉर्म भरता है
- साथ में आधार कार्ड, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ जैसी डॉक्युमेंट्स की फोटोकॉपी देता है
- इन डॉक्युमेंट्स को वेरिफाई किया जाता है
इसकी विशेषताएं:
- ✅ ऑफलाइन प्रक्रिया
- ✅ हस्ताक्षर और फोटो जरूरी
- ⏳ थोड़ा समय लगता है
- 📄
पेपरवर्क अधिक होता है
कब उपयोग होता है?
- छोटे शहरों या गांवों में
- जहां इंटरनेट की सुविधा कम हो
- पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम में
🔸 2. Offline KYC (ऑफलाइन केवाईसी)
यह क्या होता है?
Offline KYC थोड़ा modern
version है पेपर-बेस्ड KYC का, जिसमें आधार का Offline XML File या QR Code स्कैन किया जाता है।
कैसे किया जाता है?
- UIDAI वेबसाइट से आधार XML फाइल डाउनलोड की जाती है
- ग्राहक यह फाइल बैंक या संस्था को देता है
- संस्था आधार की जानकारी को ऑफलाइन वेरिफाई करती है
इसकी विशेषताएं:
- ✅ आधार आधारित प्रक्रिया
- 📶
इंटरनेट की जरूरत नहीं
- 🔐
डेटा सिक्योरिटी ज़्यादा
- ❌ लाइव वेरिफिकेशन नहीं होता
कब उपयोग होता है?
- आधार आधारित सेवाओं में
- डेटा प्राइवेसी के लिए
- ग्रामीण क्षेत्रों में
🔸 3. Digital KYC (डिजिटल केवाईसी)
यह क्या होता है?
यह पूरी तरह से ऑनलाइन KYC प्रक्रिया है जिसमें आपकी पहचान डिजिटली
वेरीफाई होती है।
कैसे किया जाता है?
- वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करके KYC फॉर्म भरा जाता है
- दस्तावेज़ की स्कैन कॉपी अपलोड की जाती है
- आधार नंबर डालकर OTP वेरिफिकेशन होता है
- कुछ मामलों में लाइव फोटो भी ली जाती है
इसकी विशेषताएं:
- ✅ पेपरलेस
- ⏱️ कुछ ही मिनटों में प्रक्रिया पूरी
- 📱
मोबाइल से संभव
- 🌍
देश के किसी भी कोने से
कब उपयोग होता है?
- ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट
- म्यूचुअल फंड्स
- फिनटेक ऐप्स (Paytm, Zerodha आदि)
🔸 4. Biometric KYC (बायोमेट्रिक केवाईसी)
यह क्या होता है?
इस प्रक्रिया में ग्राहक के बायोमेट्रिक
डेटा जैसे फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन या फेस स्कैन का उपयोग किया जाता है।
कैसे किया जाता है?
- ग्राहक किसी अधिकृत एजेंट या बैंक ब्रांच पर जाता है
- बायोमेट्रिक डिवाइस से फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन
होता है
- यह UIDAI के डेटा से मिलाया जाता है
- पहचान वेरीफाई होते ही KYC पूरा हो जाता है
इसकी विशेषताएं:
- ✅ बेहद सुरक्षित
- 🧬
फिजिकल बायोमेट्रिक की जरूरत
- ⏱️ जल्दी प्रोसेस
- 🔐
फ्रॉड के चांस बहुत कम
कब उपयोग होता है?
- बीमा कंपनियों में
- पेंशन योजनाओं में
- सरकारी योजनाओं में
🔸 5. Video KYC (वीडियो केवाईसी)
यह क्या होता है?
Video KYC एक नई और सुरक्षित डिजिटल प्रक्रिया है जिसमें
आपकी पहचान एक वीडियो कॉल के ज़रिए वेरीफाई की जाती है।
कैसे किया जाता है?
- संस्था का एजेंट ग्राहक को वीडियो कॉल करता है
- कॉल पर एजेंट ग्राहक से कुछ जानकारी पूछता है (जैसे
नाम, जन्मतिथि आदि)
- ग्राहक को ID प्रूफ कैमरे पर दिखाना होता है
- लाइव फोटो खींची जाती है
- पूरी प्रक्रिया रिकॉर्ड की जाती है
इसकी विशेषताएं:
- ✅ घर बैठे KYC संभव
- 📸
वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ
- 🔐
ज्यादा ऑथेंटिकेशन
- ⏱️ 5 से 10 मिनट में पूरी
कब उपयोग होता है?
- बैंक अकाउंट खोलने में
- डिमैट अकाउंट
- ऑनलाइन लोन एप्लिकेशन
🔹 निष्कर्ष: KYC के प्रकार – आपकी सुविधा के अनुसार विकल्प
आज के समय में KYC केवल दस्तावेज़ दिखाने तक सीमित
नहीं है। अब आपकी सुविधा और उपलब्ध संसाधनों के अनुसार आप KYC का तरीका चुन सकते हैं – चाहे वो पेपर वाला हो या वीडियो
कॉल वाला।
KYC Type |
माध्यम |
सुविधा |
Paper-Based |
ऑफलाइन |
पारंपरिक लेकिन समय लेने वाला |
Offline KYC |
आधार आधारित |
इंटरनेट के बिना भी संभव |
Digital KYC |
पूरी तरह ऑनलाइन |
तेज़ और पेपरलेस |
Biometric KYC |
बायोमेट्रिक डेटा से |
सुरक्षित और सटीक |
Video KYC |
लाइव वीडियो कॉल से |
डिजिटल और सुरक्षित |
हर विकल्प की अपनी खासियत है – बस सही समय
पर सही तरीका चुनें।
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